Saturday, August 25, 2007

कैलाश मानसरोवर त्रासदी

यह सत्य है कि प्रकृति ईश्वर की देन है! जहाँ प्रकृति का सुन्दर रुप बहुत ही लुभावना होता है, वहीँ प्रकृति का विकृत रुप भी अत्यंत भयंकर होता है ! १८ अगस्त १९९८ कैलाश मानसरोवर त्रासदी प्रकृति के विकृत रुप का एक ताज़ा उदाहरण है !

और आसमान पिघलता रहा
देख प्रकृति का विकृत रुप
एक पल पहले यही आसमान
देख रह था प्रकृति की छटा
वह निर्मल जल ले कर बहती
काली नदी थी माँ समान
गाँव माल्पा बसा किनारे
थी सुख,शांति और आराम
नदी किनारे खडा पहाड़
मानो भारत का सीमा प्रहरी
बढ़ा रहा था माल्पा की शान
हर वर्ष की भाँति अब भी
मानसरोवर के तीर्थ यात्री
कर रहे थे अब विश्राम
अगस्त १८ समय रात का
सोया हुआ था सारा गाँव
थक हार कर १२वा दल भी
पहुंच गया था माल्पा गाँव
खा कर खाना पहुंच शिविर में
करने चला था अब आराम
हुआ अँधेरा बादल गरजे
और जोरों से पानी बरसा
एक ही पल में उफन पडी थी
बहती नदी उस तूफानी रात
हुई गर्जना बादल फट गए
टूट गया वह बड़ा पहाड़
६० यात्री और पूरा माल्पा
बाह गया फिर एक ही पल में
जहाँ ज़िंदगी खेल रही थी
जी रही थी,हंस रही थी
पल रही थी,बढ़ रही थी
वहीं आज बन गया शमशान
चारों ओर थे पत्थर ही पत्थर
पत्थर संग पत्थर हो गया इन्सान
सन्नाटा और सूनापन था
गाँव माल्पा देख रहा था
आज मौत का तांडव नृत्य
कहीं दूर बाह गयी थीं लाशें
कहीं अखबार और कहीं किताबें
न जाने कितने भोले बच्चे
सो गए ले कर आंखों में सपने
लावारिस सी लाशें बन कर
वहीँ पडे थे उनके अपने
कुछ पत्थर के नीचे दब गए
कुछ मिट्टी के नीचे धंस गए
कुछ पानी के संग संग बह गए
कुछ पेड़ों में उलझ कर रह गए
बहुत थके थे कुछ यात्री
तो कुछ सपनों में खोये थे !
बस एक ही पल में सारे
मौत की नींद में सोये थे !
सुबह हुई जब,बारिश रूक गयी
लगता था जैसे गाँव माल्पा
आज प्रकृति से रूठ गया था !
बैठा था जैसे आज सिमट कर
पत्थर के नीचे आज दुबक कर
मगर सदा की तरह विशाल
ऊपर फैला नीला आसमान
देख उन्हें आज पिघल गया था
और अपनी भीगी आंखों से
कर रह था मानो आखिरी सलाम !

2 comments:

Anita kumar said...

bahut hi samvedansheel kavita hai ..aapko badhaai

'A' or 'Gazal' jit said...

Kisi jiti jagati chiz ki bhavnao ko vyakt karna fir bhi aasan hota hai.....Par jo tumne likha hai vakai mushkil kaam hai aur ye hunar sirf kuchh logo ko hasil hota hai........Awesome and really very beutifully, emotionally u putted the things....Class yaar keep it up....Mai in sari chizo se inspire hokar likhta hu....Keep inspiring me....