न कहीं ज़िक्र है , न कोई बात है
कितनी अजीब ये रात है !
हर दिन गुज़ारा तेरी याद में
तू ही मेरी तर्ज़ -ए -हयात है !
तुझे याद हो कि न याद हो
मेरे दिल में एक ही बात है !
तेरे नाम से दिल ये धड़कता है
तेरे दम से ये कायनात है !
कितनी अजीब ये रात है !
हर दिन गुज़ारा तेरी याद में
तू ही मेरी तर्ज़ -ए -हयात है !
तुझे याद हो कि न याद हो
मेरे दिल में एक ही बात है !
तेरे नाम से दिल ये धड़कता है
तेरे दम से ये कायनात है !
3 comments:
न कहीं ज़िक्र है , न कोई बात है
कितनी अजीब ये रात है !
बहुत बढ़िया.
हर दिन गुज़ारा तेरी याद में
तू ही मेरी तर्ज़ -ए -हयात है !
तुझे याद हो कि न याद हो
मेरे दिल में एक ही बात है !
बहुत खूब शिवानी
Please put my name for credit
for using my painting EMBRACE by Leslie Marcus on your web site. Please in addition put a link to my web site
http://leslie-marcus.fineartamerica.com/
Thank you~
Leslie Marcus
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